बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक 2024 विधान सभा से आज ध्वनिमत से पास हो गया । अब इस कानून के जरिये शराब माफियाओं , असामाजिक तत्वों पर नकेल कसी जा सकेगी। इस कानून में डीएम और इंस्पेक्टर को कई अधिकार दिए गए हैं । बिहार विधानसभा में प्रभारी गृह मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने इस बिल को सदन में पेश किया।
क्या है बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक 2024 ?
1981 के कानून को कमजोर पाते हुए बिहार की नीतीश कुमार सरकार को अपराध नियंत्रण के लिए बड़ा और कड़ा कानून बनाना पड़ा । इस कानून के जरिए भूमि, बालू, शराब, समेत अन्य अपराधिक मामलों में शामिल अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा। इसके अलावा मानव-तस्करी, देह व्यापा, छेड़खानी, दंगा फैलाने और सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करने वालों पर भी इस कानून के जरिए अंकुश लगाया जाएगा। अब जिधाधिकारी इन पर सीधी कार्रवाई कर सकेंगे। बिहार सरकार इसके लिए उन्हें असीमित शक्ति देने जा रही है। इतना ही नहीं जिधाधिकारी द्वारा जारी वारंट बिहार समेत पूरे देश में लागू होगा। जिधाधिकारी को तलाशी और जब्ती का अधिकार होगा।
बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक 2024 में 10 धाराएं शामिल
राज्य के वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, महत्वपूर्ण स्थानों, रेलवे परिसर, बस स्टैंड, खेल मैदान, सार्वजनिक संस्था, बैंक परिसर आदि जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम होगा। इससे अपराध आतंक विरोधी कार्रवाई में मदद मिलेगी। विधेयक में 10 धाराएं शामिल की गई हैं। 30 दिनों तक सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रहेगा।
अपराध, भ्रष्टाचार, माफियाओं पर पूरी तरह नकेल कसने के लिए यह कदम उठाया गया है । बिहार अपराध नियंत्रण 2024 कानून को यूपी के गैंगस्टर एक्ट की तरह ही माना जा रहा है । भ्रष्टाचार से जुड़े जिन मामलों को संगीन अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जाता था । इस कानून में उन मामलों को गंभीर मानते हुए उस पर सख्त सजा का प्रावधान रहेगा । सरकारी राशि में गड़बड़ी, सरकारी पैसों का बंदरबांट करने वालों के लिए भी इस कानून में कड़ी सजा का प्रावधान है ।
संदिग्ध व्यक्ति को बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर पाएगी पुलिस
बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक, 2024 में यह प्रावधन किया गया है कि जिलाधिकारी के पास वारंट जारी, गिरफ्तार कर जेल भेजने और बेल देने का अधिकार होगा। उनके पास छह माह तक जिला और राज्य से किसी भी अपराधी को तड़ीपार करने का अधिकार होगा। हालांकि, जिलाधिकारी के आदेश के खिलाफ प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष अपील की जा सकेगी। बिहार पुलिस अब किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर पाएगी। उसे कार्यपालक दंडाधिकारी के सामने पेश किया जाएगा। इसके बाद उसे हिरासत में रखा जा सकता है। तीन माह से अधिक की हिरासत अवधि नहीं होगी। बिहार पुलिस को इन सब चीज की सूचना लिखित में जिलाधिकारी को देनी होगी।