लंबे समय से बीमार चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया। उनका निधन 63 साल की उम्र में हुआ। उनकी हालत शनिवार से ही बेहद नाजुक बनी हुई थी। आज डॉक्टरों की टीम ने उनकी गहन जांच की। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। पर्रिकर के निधन की खबर के बाद मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। इधर पर्रिकर के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि पर्रिकर अब हमारे बीच नहीं रहे।
राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बारे में सुनकर अत्यंत खेद हुआ। सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और समर्पण का एक प्रतीक, गोवा और भारत के लोगों के लिए उनकी सेवा को नहीं भुलाया जाएगा।’
Extremely sorry to hear of the passing of Shri Manohar Parrikar, Chief Minister of Goa, after an illness borne with fortitude and dignity. An epitome of integrity and dedication in public life, his service to the people of Goa and of India will not be forgotten #PresidentKovind
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 17, 2019
एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से ग्रस्त थे पर्रिकर
पर्रिकर एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से ग्रस्त थे, जिसका पता पिछले साल फरवरी में चला था। उसके बाद उन्होंने गोवा, मुंबई, दिल्ली और न्यूयॉर्क के अस्पतालों में इलाज कराया। इस समय उनके निजी निवास पर उनका इलाज चल रहा था। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बारे में सुनकर अत्यंत खेद हुआ। सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और समर्पण का एक प्रतीक, गोवा और भारत के लोगों के लिए उनकी सेवा को नहीं भुलाया जाएगा।
गोवा से पहले भाजपाई मुख्यमंत्री
मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को मापुसा गोवा में हुआ था। पर्रिकर उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सांसद थे। वे भारतीय जनता पार्टी से गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता थे। जून 1999 से नवंबर 1999 तक वो विपक्ष के नेता भी रहे।
आपको बता दें कि परिर्कर को जब कैंसर का पता चला था तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ने की इच्छा जताई थी। लेकिन उसके बाद भी भाजपा ने उन्हें CM बनाये रखा। मनोहर पर्रिकर के ज्यादा तबियत बिगड़ने के बाद भाजपा के कोर कमेटी के नेता दयानंद मंडरेकर ने कहा था कि पर्रिकर की तबीयत खराब हो गई है और पार्टी पर्रिकर के स्थान पर जल्दी ही एक नए नेता की नियुक्ति कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘अगर मनोहर पर्रिकर फिट होते, तो नेता को बदलने की जरूरत नहीं होती, लेकिन उनकी सेहत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। पार्टी को कुछ फैसला लेना चाहिए। केंद्र से गोवा तक कुछ निर्णय लिया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि यह किया जाएगा।’