भारत सहित पूरे विश्व में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ी है और इस कारण बढ़े हैं। हाल फिलहाल में कई सेलिब्रिटीज भी हृदय रोग के कारण इस दुनिया से विदा हो गये। यह बदलाव बहुत हद तक हमारी जीवनशैली से जुड़ा है। आप कहेंगे कि सेलिब्रिटीज तो दिखने में हमेशा फिट रहते हैं और फिटनेस कॉन्सस होते हैं। ये बात सही है, पर उनमें भी अवसाद, अनियमित खान-पान और धूम्रपान और मदिरा सेवन की लत होती है। इसके अलावा भी हृदय रोग के अन्य कई कारण हो सकते हैं। एक चौकाने वाला सच ये भी है कि अब 40-50 की उम्र में भी हार्ट अटैक या हृदयाघात के मामले भारत में देखे जा रहे हैं, जो एक दशक पूर्व ऐसा पश्चिमी देशों में होता था। एक और दुखद बात यह है कि भारत में कम-से-कम 20 फीसदी लोगों की हार्ट अटैक से मौत इसलिए हो जाती है, क्योंकि उन्हें समय पर हॉस्पिटल नहीं पहुंचाया जाता है। यदि समय पर हॉस्पिटल पहुंचाया जाये और समुचित इलाज शुरू कर दिया जाये, तो उनमें से ज्यादातर रोगियों की जान बचायी जा सकती है।
हृदय रोग के प्रमुख रिस्क फैक्टर
हृदय रोगों से बचने के लिए जरूरी है कि उसके रिस्क फैक्टर की पहचान की जाये तथा उससे दूर रहा जाये।
धूम्रपान : धूम्रपान किसी भी प्रकार का हो, नुकसानदायक है। यह हृदय रोंगों के साथ आपके फेफड़े को जलाने का कार्य भी करता है। साथ ही अहम बात यह भी है कि धूम्रपान आपको हानि पहुंचाने के साथ आपके साथ रहनेवाले आपके अपनों को भी नुकसान पहुंचाता है।
बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल : अगर LDL कोलेस्ट्रॉल काफी बढ़ा है, तो हृदय रोग होने की आशंका हो सकती है। जो लोग 35 साल से अधिक के हों या डायबिटीज से पीड़ित हों या जिनके परिवार में किसी को हृदय रोग रहा हो, को हृदय रोग होने की आशंका हो सकती है। इसलिए ऐसा कुछ हो, तो नियमित कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें और यदि वह बढ़ा हो, तो इलाज कराएं।
मोटापा : असंतुलित खान-पान और एक्सरसाइज की कमी के साथ कुछ हॉर्मोनिक और आनुवंशिक कारणों से भी मोटापा हो सकता है। अगर हम ऐसी चीजें खाते हैं, जिसमें ऊर्जा अधिक हो, जैसे- मीट, तली-भुनी चीजें, घी आदि और उस हिसाब से शारीरिक मेहनत कम करते हैं, तो आप मोटे हो सकते हैं। इसके साथ ही पिज्जा, बर्गर और अन्य बाहरी खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। साइक्लिंग, स्वीमिंग, तैराकी, बैडमिंटन, कबड्डी जैसे खेलों को अपनी जीवनशैली में शामिल करें।
मानसिक अवसाद : अत्यधिक व्यस्तता, पारीवारिक कलह, उत्तेजक प्रवृति, ईर्ष्या, लोभ आदि अवसाद के कारण हो सकते हैं। इससे नींद में कमी और अन्य शारीरिक परेशानी हो सकती है, जो अंतत: हृदय रोग और हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है।
डायबिटीज : डायबिटीज हृदय रोग की आशंका को तीन गुना तक बढ़ा देता है। इस बीमारी को समय रहते पहचान कर शूगर को कंट्रोल करना जरूरी है। 40 की उम्र पार कर गये हों, तो नियमित शूगर की जांच कराएं। फिटनेस और सही खान-पान पर ध्यान दें।