अप्रैल का पहला दिन यानि अप्रैल फूल डे यानि मुर्ख दिवस होता है। इस दिन से आप सबों की भी कुछ ख़ास यादें जुडी होगीं, जिन्हे याद करने भर से ही चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है। 1 अप्रैल नज़दीक आतें ही हम नई- नई शरारतों से दोस्तों, रिश्तेदारों को मुर्ख बनाने के तरीकें सोचने लगते हैं। ख़ास कर स्कूली बच्चों और कॉलेज के छात्रों के बीच अप्रैल फूल का ख़ासा उत्साह होता है।
आइये जानते हैं कि अप्रैल फूल (मुर्ख दिवस ) शुरुआत कैसे हुयी…
अप्रैल फूल डे को लेकर कई कहानिया प्रचलित है। अभी तक इस बारे में सही जानकारी नहीं हैं कि यह त्यौहार पहली बार कब मनाया गया था, या इसका क्या कारण था। कुछ का कहना हैं कि इसका सम्बंध फ्रेंच कैलेंडर में होने वाले परिवर्तन से हैं,जबकि अन्य का मानना हैं कि इसका इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय की बोहेमिया के ऐनी से सगाई से सम्बंध हैं।
अप्रैल फूल दिवस के किस्से और इतिहास
फ्रेंच कैलेंडर में परिवर्तन – फ्रांस में लोग ग्रेगोरियन कैलेंडर से पहले जूलियन कैलेंडर का अनुसरण करते थे, फ़्रांस के शासकों और चर्च ने इसे 1582 में बंद किया था। पुराने कैलेंडर के अनुसार 1 अप्रैल को नया साल मानते थे, नए कैलेंडर से ये तारीख 1 जनवरी हो गई। लेकिन जो इस परिवर्तन के प्रति सजग नहीं थे उन्होंने 1 अप्रैल को ही नया साल मनाना ज़ारी रखा,उन्हें मुर्ख समझा गया।
हिलारिया त्यौहार से सम्बंध – प्राचीन काल में रोम में रहने वाले लोग अत्तिस देवता की पूजा करते थे। इस समारोह के दौरान जिसे हिलारिया कहा जाता था,लोग अजीब पहनावा रखते थे और उत्सव में मास्क पहनना आवश्यक था। इस कारण लोग स्वांग रच सकते थे। इस कारण इतिहासकारों और विद्वानों ने अप्रैल फूल की उत्पति को इस उत्सव से जोड़ना शुरू कर दिया।
कैंटरबरी टेल्स के अनुसार – कैंटरबरी टेल्स 1508 में प्रकाशित हुआ था,जिसने अप्रैल फूल डे के आईडिया को प्रसिद्धि दिलाई। एक थ्योरी के अनुसार यह दिन प्रिंटिंग में आने वाली त्रुटी के कारण अस्तित्व में आया था। अन्य थ्योरी जो इस टेल्स में दी गई हैं. उस चौंटेक्लीर पर प्रकाश डालती हैं जो की घमंडी मुर्गा था जिसे लोमड़ी ने आसानी से मुर्ख बना दिया था
फिश ऑफ़ अप्रैल इन फ्रांस – एलॉयडी’अमेर्वेल फ्रांस के कवि थे, 1508 में अप्रैल फूल का आईडिया प्रसिद्द हुआ। यह “पोइस्सोन डी’अवरिल” कहलाया और इसे फिश ऑफ़ अप्रैल के रूप में अनुवादित किया गया। अप्रैल के पहले दिन बडे ऑफिसों में अपने मुर्ख नौकर को कोई गैर-जरुरी काम करने को भेजा जाता हैं।
नीदरलैंड में इतिहास – 1570 के दौरान नीदरलैंड पर ड्यूक अल्वारेज़ डे टोलेडो का शासन था। वह स्पेनिश मूल के थे और 1572 में होने वाले भयंकर युद्ध में थे,जिसमे राजा हार गए। इस कारण ये कहा जाता हैं की इस क्षेत्र में कि 1 अप्रैल को अल्वारेज़ ने अपन चश्मे खो दिए थे।
1915 की बात है जब जर्मनी के लिले हवाई अड्डा पर एक ब्रिटिश पायलट ने विशाल बम फेंका। इसको देखकर लोग इधर-उधर भागने लगे, देर तक लोग छुपे रहे। लेकिन बहुत ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी जब कोई धमाका नहीं हुआ तो लोगों ने वापस लौटकर इसे देखा। जहां एक बड़ी फुटबॉल थी, जिस पर अप्रैल फूल लिखा हुआ था।
कहने को तो हम 1 अप्रैल को अप्रैल फूल मानते है। स्याह सच ये भी है कि साल के 365 दिन हमें कोई न कोई मुर्ख बनाता रहता है। कभी नेता तो कभी व्यापारी तो कभी कोई चि़ट फंड कंपनी। आम जनता के लिए तो हर डे फूल डे है।