हमारे देश में सुबह नींद से जागने के बाद लोगों के मुंह से निकलने वाला पहला शब्द “चाय” होता है। चाय पीकर सुबह की शुरुआत की जाती है। गल्ली मुहल्लों में कुछ मिले न मिले चाय की दूकान ज़रूर मिल जाएगी। चाय की दुकान एक तरह से भारतीय संस्कृति का एक अंग है। चाय के चाहने वाले सिर्फ भारत में ही नहीं है, दुनिया का हर शख्स इसके ज़ायके और खुशबू का दीवाना है।
हज़ारों वर्षों से से लोकप्रिय चाय के दुनिया में आने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है चाय का इतिहास करीब 5000 साल पुराना माना जाता है। कहते हैं कि एक दिन चीन के सम्राट शैन नुंग के सामने रखे गर्म पानी के प्याले में, कुछ सूखी पत्तियाँ आकर गिर गयी और जब सम्राट ने उसकी चुस्की ली तो उन्हें उसका स्वाद बहुत पसंद आया और धीरे-धीरे यह चीन के प्रमुख पेय में से एक बन गया। शुरुआत में चीन के लोग चाय को मेडिसिन की तरह पीते थे।
16वीं शताब्दी में डच व्यापारी चाय को यूरोप ले गए थे
भारत में चाय लाने का श्रेय अंग्रेजों को जाता हैं 1815 में कुछ अँग्रेज़ यात्रियों का ध्यान असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों पर गया जिससे स्थानीय क़बाइली लोग एक पेय बनाकर पीते थे। भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक ने 1834 में चाय की परंपरा भारत में शुरू करने और उसका उत्पादन करने की संभावना तलाश करने के लिए एक समिति का गठन किया। इसके बाद 1835 में असम में चाय के बाग़ लगाए गए। उसके बाद से ही चाय भारत में लोकप्रिय हो गया।
चाय का उतपादन मुख्य रूप से असम,पश्चिम बंगाल और बिहार के किशनगंज जिले में होता है। भारत में प्रचलित चाय में असम की चाय, दार्जीलिंग की चाय, निलगिरी की चाय, मसाला चाय, मक्खन चाय / गुर- गुर प्रमुख हैं।
कुछ हेल्दी चाय के किस्म-
ग्रीन टी- ग्रीन टी के तो बहुत तरह के फायदे होते हैं, जैसे- लीवर के काम को बेहतर बनाती है और हड्डियों को मजबूत करके अर्थराइटिस के खतरे को कम करने में सहायता करती है। हाँ, टी बैग के जगह पर ग्रीन टी के पत्तियों का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर होता है।
ब्लैक टी- ब्लैक टी में एन्टी ऑक्सिडेंट का गुण सबसे ज्यादा होने के कारण मुँह और मसूढ़ो को जीवाणुओं से रक्षा करने में बहुत सहायता करता है। इसके अलावा यह रक्त का थक्का बनने की प्रक्रिया को रोक कर धमनियों को अच्छी तरह से काम करने में सहायता करती है।
ऊलौंग टी- यह चाइनीज़ टी होती है जो कैलोरी को बर्न करने के साथ-साथ इम्युनिटी को बढ़ाने में बहुत सहायता करती है।
सबसे महंगी चाय
दुनिया में सबसे महंगी चाय की पैदावार श्रीलंका के गॉल में होती है, जिसका नाम वर्जिन वाइट टी है। इस चाय की कीमत 1500 डॉलर प्रति किलोग्राम है। यानी इंडियन करेंसी में इसकी कीमत करीब 1 लाख रुपये है।
चाय उत्पादन में चीन का स्थान सबसे पहले आता है।
Tea Production
Country (metric tonnes) % of World Total
1 China 1,924,457 m/t 36.0%
2 India 1,208,780 m/t 22.6%
3 Kenya 432,400 m/t 8.0%
4 Sri Lanka 340,230 m/t 6.3%
5 Viet Nam 214,300 m/t 4.0% (डेटा सोर्स-top5ofanything.com )
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