गेंदा का फूल (Marigold – Genda) देखने में जितना आकर्षक लगता है उतना ही इसमें औषधीय गुण भी है । देश भर में लोग गेंदा को गुल्तोरा, कलग, लालमुरुगा, हजारा, मखमली आदि नामों से भी जानते हैं। पूजा-पाठ से लेकर घर की साज-सजावट तक, गेंदे का प्रयोग सदियों से होता आ रहा है। गेंदा के फूल में सिर्फ श्रंगार और सुगंध ही नहीं, बल्कि इसमें औषधीय गुणों का भी खजाना है । आयुर्वेद में तो गेंदों को गहनों से विभिन्न औषधियों के उपचार में प्रयोग किया जा रहा है।
(Marigold – Genda)
आइए, आज गेंदे के फूलों के अनोखे औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से जानते हैं (Medicinal Properties of Marigold)
एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुणों से भरपूर है गेंदा
गेंदों के फूल (Marigold – Genda) में प्रचुर मात्रा में टुकड़े पाए जाते हैं, जो शरीर को मुक्त रेडिकल्स से बचाते हैं। साथ ही, इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। ये गुण गठिया, जोड़ों के दर्द और मसालों में अकड़न जैसी समस्याओं से राहत दिला सकते हैं।
त्वचा के लिए वरदान है गेंदा फूल
गेंदे के फूल (Marigold – Genda) का उपयोग त्वचा संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में किया जाता है, जैसे मुंहासे, घाव और गठिया को दूर किया जाता है। इसके एंटीफंगल और एंटीसाइंटेंट गुण त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं, जबकि इसके कोलेजन त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद करते हैं। जब हाथ या पैर की त्वचा या एड़ी फट (बिवाई होना) जाए तो गेंदा से फायदा मिलता है। गेंदे के पत्तों का रस वैसलीन में मिलाकर हाथों-पैरों पर मलें। इससे बिवाई और हाथों-पैरों की खुश्की दूर होती है।
पाचन क्रिया में को बेहतर बनाने के लिए गेंदे के फूल का उपयोग
अगर आप अपच, पेट फूलना या गैस की समस्या से परेशान हैं, तो गेंदे का फूल (Marigold – Genda) आपके लिए मददगार हो सकता है। इसके अलावा, यह पेट के अल्सर को भी ठीक करने में सहायक माना जाता है।
गेंदा के फूल (Marigold – Genda) का काढ़ा मासिक धर्म की समस्याओं से दिलाता है निजात
महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और सेमेस्टर को भी कम किया जा सकता है। इसके फूलों का काढ़ा पीने से मासिक धर्म की अवधि नियमित हो सकती है और पेट में ऐंठन जैसी समस्याओं से भी राहत मिल सकती है।
महिलाएं स्तनों की सूजन की समस्या में गेंदा का उपयोग कर सकते हैं। गेंदे के पत्तों को पीसकर स्तनों पर लगाएं। इसके साथ ही इससे सिकाई करने से स्तनों की सूजन कम होती है।
जख्म ठीक करता है गेंदा का फूल (Marigold – Genda)
गेंदे के फूल में घाव ठीक होने के गुण भी पाए जाते हैं। इसके पुनर्स्थापन का रस या लेप घाव पर लगाने से घाव को शीघ्रता से ठीक करने में मदद मिल सकती है। साथ ही, यह संक्रमण को रोकने में भी सहायक होता है।
आखों की रौशनी बढ़ाता है गेंदा का फूल (Marigold – Genda)
गेंदे के फूलों में पाए जाने वाले कैरोटीनॉयड्स आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। साथ ही, यह मोतियाबिंद जैसी संभावनाओं के खतरे को भी कम कर सकता है। गेंदा के पत्ते के रस को आंखों के बाहर चारों तरफ लगाने से भी आंखों के रोग में लाभ होता है।
कान के दर्द में गेंदा के फायदे (Marigold (Genda) Uses to Cure Ear Pain )
कान में दर्द हो तो गेंदा का औषधीय गुण फायदेमंद होता है। 2-2 बूंद गेंदा के पत्ते के रस को कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।
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तनाव दूर करता है गेंदा का फूल
गेंदे के फूल की खुशबू को मन को शांति मिलती है और तनाव को दूर करने में शांति मिलती है। इसका सुगंध अरोमाप्लास्टिक में भी प्रयोग किया जाता है। साथ ही, गेंदे के फूल का काढ़ा पीने से भी तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है।
गेंदा के पौधे से नुकसान (Marigold (Genda) Side Effects)
गेंदा के सेवन से ये नुकसान हो सकते हैंः-
इसका अत्यधिक प्रयोग हानिकारक है। यह कामशक्ति को घटाता है।
किसी बीमारी के लिए गेंदा का सेवन करने या गेंदा का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।