जब कभी हम इतिहास की बात करते है उसमें बिहार का नाम जरूर आता है। उत्तर भारत का राज्य बिहार देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। बिहार, हिंदुओं, जैन और विशेषतः बौद्ध धर्म के लोगों के लिए धार्मिक केंद्र हुआ करता था। यह राज्य भारत के कुछ महान साम्राज्यों में से एक है क्योंकि यह मौर्य और गुप्त के उदय और पतन का गवाह रहा है ।
इस राज्य में घूमने आने वाले पर्यटकों को दो धर्मों का मेल तो देखने को मिलता ही है साथ ही यहां की संस्कृति भी सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है। भगवान महावीर, जो एक महान धर्म, जैन धर्म के प्रतिस्थापक थे, वे भी यहीं पैदा हुए थे और उन्हें निर्वाण भी यहीं प्राप्त हुआ था। बिहार राज्य, पश्चिम में उत्तर प्रदेश, उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल का उत्तरी भाग और दक्षिण में झारखंड की सीमाओं से लगा हुआ है। आइये जानते है बिहार के 10 कुछ खास ऐतिहासिक स्थलों के बारे में ।
1. नालंदा का खंडहर
बिहार के सबसे प्राचीन स्थलों में से एक है नालंदा का खंडहर । बिहार की राजधानी पटना से करीब 95 किमी की दूरी पर स्थित नालंदा वास्तुशिल्प का एक अद्भुत नमूना माना जाता है।यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल में शुमार यह जगह चीन भारत में शिक्षा का एक मुख्य केंद्र था। नालंदा के समृद्ध अतीत को इस तथ्य से निश्चित किया जा सकता है कि यहाँ तिब्बत, चीन, टर्की, ग्रीस और पर्शिया (इरान) के अतिरिक्त और भी दूर के स्थानों से लोग ज्ञान प्राप्त करने के लिए आते थे। यह विश्व के पहले आवासीय विश्वविद्यालयों में से एक है। यहाँ पर एक समय 2000 शिक्षक और10000 विद्यार्थी रहते थे जो यहाँ पढ़ने आते थे। वर्ष 1951 में, बिहार सरकार ने पाली और बौद्ध धर्म के समकालीन केंद्र, नवा नालंदा महावीर (नई नालंदा महावीर) की स्थापना की और वर्ष 2006 में नालंदा को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया।
2.विश्व शांति स्तूप
विश्व शांति स्तूप बिहार के राजगीर जिले में है । इसे शांति पैगोडा के नाम से भी जाना जाता है । इसे बिहार में प्रमुख आकर्षणों में से एक माना जाता है। यह 400 मीटर की ऊंचाई पर, रणगीर पहाड़ी के उच्चतम बिंदु पर स्थित है। स्तूप बुद्ध की चार स्वर्ण प्रतिमाओं को स्थापित करते हुए, विश्व शांति के प्रतीक सफेद संगमरमर पत्थर से बना है। यहां रोपवे के माध्यम से पहुँचा जा सकता है।
3.शेरशाह सूरी का मकबरा
बिहार के सासाराम में मौजूद शेरशाह सूरी का मकबरा हर साल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है । कहा जाता है कि,इसे स्वयं शेरशाह सूरी ने अपने जीवन काल में बनवाया था। यह अपने समय की कला का श्रेष्ठतम नमूना है। एक विशाल झील के मध्य उठे हुए चबूतरे पर बना यह मक़बरा उसके ‘व्यक्तित्व का प्रतीक’ है। इसे उत्तर भारत की श्रेष्ठ इमारतों में से एक कहा गया है। इस पर हिन्दू और इस्लामी कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है।
4. जल मंदिर
पावापुरी में मौजूद जल मंदिर जैन धर्म का पवित्र मंदिर माना जाता है । यह जैन धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। यह वही स्थान है जहां आज से लगभग छठी शताब्दी ईसा पूर्व में जैन धर्म के चौबीसवें व अंतिम तीर्थकर भगवान महावीर का निर्वाण हुआ था। कहा जाता है की उनके निर्वाण के बाद उनका अंतिम संस्कार देवताओं द्वारा किया गया था। एक कहावत के अनुसार एक सच्चा जैनी यहाँ पापमुक्त हो जाता है।
5. अशोक स्तंभ
विभिन्न भारतीय स्थलों में फैले स्तंभों की श्रृंखला में से एक अशोक स्तंभ वैशाली, बिहार में स्थित है। सम्राट अशोक ने इन सभी सिद्धान्तों को एक खंभे पर उत्कीर्ण करवाया और इस प्रकार, भगवान बौद्ध और बौद्ध धर्म को श्रद्धा और भक्ति समर्पित की। यह स्तंभ लाल पत्थर से बना हुआ है इसकी ऊंचाई 18.3 मीटर है। स्तंभ के शीर्ष पर एक विशाल चित्र बना है। यह स्तंभ आज भी सुरक्षित और बरकरार है। यहां पास में ही एक छोटा सा टैंक स्थित है जिसे रामकुंड टैंक कहा जाता है।
6. महाबोधि मंदिर
बोधगया में मौजूद महाबोधि मंदिर हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है । यह स्थल बोद्ध धर्म के लोगों के लिए बहुत खाश माना जाता है । ऐसा माना जाता है कि बुद्ध को यहीं ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसे राजा अशोक ने 260 ईसा पूर्व में बनाया गया था।