कैंसर के इन कारणों को जानें, जीवनशैली में बदलाव कर आप भी इससे बच सकते हैं

Saurabh Chaubey
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A Mayo Clinic-led study found that protective mastectomies that preserve the nipple and surrounding skin prevent breast cancer as effectively as more invasive surgeries for those with BRCA. (Fotolia)

 

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विश्व में 74 लाख से अधिक लोगों की मौत कैंसर के कारण होती है सालाना. यह आंकड़ा सभी मृत्यु कारणों का 13 प्रतिशत है. यदि हम विभिन्न तरह के कैंसरों द्वारा होनेवाली सालाना मृत्यु दर पर बात करें, तो लंग्स यानी फेफड़े के कैंसर का स्थान सबसे पहला है. इस कैंसर का मुख्य कारण हमारे द्वारा फैलाया गया प्रदूषण और धूम्रपान है, जो न सिर्फ खुदको बल्कि परिवार और दोस्तों को भी इस चपेट में ले लेता है.

विश्व में टॉप-5 कैंसरों में होनेवाली मृत्यु :

  • फेफड़ा या लंग्स कैंसर : 13 लाख
  • आमाशय का कैंसर : 8.03 लाख
  • कोलन यानी बड़ी आंत का कैंसर : 6.39 लाख
  • लिवर का कैंसर : 6.10 लाख
  • ब्रेस्ट कैंसर : 5.19 लाखक्या है कैंसर : यह बीमारियों का समूह है. इसमें शरीर के उस अंग में अवांक्षित कोशिकाएं बनने लगती हैं, ये कोशिकाएं उस अंग की अन्य कोशिकाओं को भी खराब करने लगती हैं, जिससे धीरे-धीरे वह अंग काम करना बंद कर देता है. इसके बाद ये अन्य अंगों को भी खराब करने लगता है और अंत में व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है. कुछ मामलों में यह तेजी से बढ़ता है, तो कुछ में सालों लग जाते हैं.

भारत में कैंसर :

भारत में 25 लाख से अधिक लोग कैंसर पीड़ित हैं. हर साल इसमें करीब सात लाख मरीजों की वृद्धि होती है.

  •  करीब 5.56 लाख लोगों की मृत्यु कैंसर से हो जाता है.
  • इनमें करीब 71 फीसदी (3.95 लाख) मरीज 30 से 69 साल के होते हैं. इनमें से पुरुषों 2 लाख पुरुष और 1.95 लाख महिलाएं शामिल होती हैं.

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महिलाओं में होनेवाले टॉप-5 कैंसर

  • ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, कोलन कैंसर, ओवरीकैंसर, लिप कैंसर और ओरल कैंसर
    महिलाओं में होनेवाले प्रमुख कैंसरों में जहां ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर की हिस्सेदारी 50 फीसदी है, वहीं पुरुषों में 50 फीसदी कैंसर के कारण ओरल और लंग्स हैं.
    पुरुषों में होनेवाला नंबर-1 कैंसर है, जबकि महिलाओं में यह कैंसर का पांचवां सबसे बड़ा कारण है. 11.28 फीसदी पुरुषों को ओरल है, जबकि 4.3 महिलाओं को यह कैंसर है.
  • सालाना करीब 77 हजार मामले इसके आते हैं, जिसमें से 52 हजार की मौत हो जाती है. 80 फीसदी ओरल कैंसर का कारण तंबाकू का सेवन है. इससे ग्रसित मरीजों की औसत उम्र 50 वर्ष है.
  • 82 फीसदी लोगों में यह शुरुआती चरण में पता चल जाता है, पर 27 फीसदी लोगों में यह आखिरी स्टेज में पहचान में आता है.
    ये भी पढ़ें : ओरल कैंसर से बचने के लिए अपनाएं ये उपायब्रेस्ट कैंसर : महिलाओं में होनेवाले कैंसरों में इसकी हिस्सेदारी करीब 27 फीसदी है. हर साल 1.45 लाख महिलाएं इसकी चपेट में आती हैं, जिनमें से 70 हजार की मौत हो जाती है. यह कैंसर होने का खतरा वैसे तो 30 की उम्र के बाद ही शुरू हो जाता है, पर 50-65 की उम्र की महिलाओं में यह ज्यादा देखने को मिलता है. चिंता की बात यह भी है कि शहरी 22 महिलाओं में यह एक को हो सकता है, वहीं ग्रामीण इलाके की 60 में से एक महिला में इसके होने की आशंका होती है. ब्रेस्ट कैंसर के मुख्य कारणों में आनुवंशिक, जीवनशैली और स्तनपान न कराना है.
  • सर्वाइकल कैंसर : सालाना 1.23 लाख नये मामले आते हैं भारत में, जिनमें से 67500 महिलाओं की मौत हो जाती है. इस कैंसर के होने की औसत आयु भी ब्रेस्ट कैंसर की अपेक्षा (38 साल) कम है. जबकि इसका खतरा 21 से 67 साल की महिलाओं में अधिक होता है. यह लो हाइजीन और जागरूकता की कमी के कारण ग्रामीण महिलाओं में अधिक होता है. इसमें बचने का चांस भी इस पर डिपेंड करता है कि कैंसर की पहचान किस स्टेज में हुई है. शुरुआती चरण में पहचान हो जाने में मरीज के बचने की उम्मीद अधिक होती है.
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