इन दिनों भारत में #MeeToo मूवमेंट सोशल मीडिया में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इस मुहीम के तहत कई महिलाएं कार्य स्थल पर अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न की बातें सोशल मीडिया पर शेयर कर रहीं है। भारत में कई पत्रकारों, अभिनेताओं पर महिलाओं ने MeeToo मूवमेंट के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप लगाएं। फिल्म निर्देशक विकास बहल, अभिनेता आलोक नाथ, नाना पाटेकर, मंत्री एमजे अकबर पर पर भी आरोप लगे हैं। भारत में इस मुहीम को अच्छा समर्थन मिल रहा है। इस कैंपेन को लेकर कई लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठते है।
जैसे इस मूवमेंट की शुरुआत कैसे हुई? चलिए जानते हैं #MeeToo मूवमेंट क्या है…
MeeToo मूवमेंट क्या है
इस कैंपेन के तहत सोशल मीडिया पर लोग अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न की घटनाओं को #Meetoo के साथ लिखकर साझा करतें हैं। इस कैंपेन का मुख्य उद्देश्य ही हैं अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार की बातों को दुनिया के सामने करना। इस मुहीम के शुरू होने के बाद कई महिलाओं ने अपनी चुप्पी तोड़ी है।
#MeToo मूवमेंट की शुरआत कब हुई
अमेरिका की मशहूर सोशल एक्टिविस्ट Tarana Burke ने 2006 में एक 13 साल की बच्ची की यौन उत्पीड़न को दुनिया के सामने लेकर आयी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘मायस्पेस’ पर हैशटैग ‘Me Too’ के साथ “empowerment through empathy” लाइन के साथ बच्ची की मार्मिक कहानी को दुनिया के सामने रखा था। जिसने भी इसे पढ़ा वो अंदर तक सहम गया । यहीं से #MeToo मूवमेंट की शुरुआत हुयी।
ये मूवमेंट तब तेज हुआ जब एलीसा मिलानों ने सोशल मीडीया पर अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न का बारे में लिखा। मशहूर हॉलीवुड एक्ट्रेस एलिसा मिलानो सोशल मीडिया में बताया था कि हॉलीवुड प्रोड्यूसर हार्वे विंस्टीन ने उनका यौन शोषण किया था। मिलानो ने अपने ट्विटर अकाउंट पर 16 अक्टूबर 2017 को एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, ”अगर आप भी कभी यौन शौषण या किसी हमले का शिकार हुए हैं तो मेरे ट्वीट पर #MeToo के साथ रिप्लाई करें।” मिलानो के इस ट्वीट के बाद कई महिलाओं ने खुलकर इस मुहीम के तहत अपने साथ हुयी यौन शोषण की बताओं को सोशल मीडिया के जरिये सामने रखा।
If you’ve been sexually harassed or assaulted write ‘me too’ as a reply to this tweet. pic.twitter.com/k2oeCiUf9n
— Alyssa Milano (@Alyssa_Milano) October 15, 2017
भारत में #MeeToo मूवमेंट
बॉलीवुड में सबसे पहले #MeToo की शुरुआत मशहूर टीवी सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की बबिता यानि एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता ने की थी। इसके बाद बॉलीवुड की कई अभिनेत्रियों ने इस मुहिम को आगे बढ़ाया। इनमें स्वरा भास्कर, रिचा चड्ढा, कोंकणा सेन शर्मा, कंगना रनौत, राधिका आप्टे, इशिता दत्ता, मलिका दुआ, सुचित्रा कृष्णमूर्ति, साउथ इंडियन एक्ट्रेस पार्वती, चिन्मयी श्रीप्रदा, सजिता मदातिल, रीमा कलिंगल जैसे कई मशहूर महिला कलाकारों के नाम शामिल हैं।
#MeeToo को किसी का समर्थन तो किसी का विरोध
MeToo मूवमेंट को लेकर देश में बयानबाज़ी का दौर भी चल पड़ा रहा है, ज्यादातर लोग इस मुहीम के फेवर में बात कर रहें है वहीँ कुछ लोगों ने इस मूवमेंट को पब्लिसिटी स्टंट भी बताया है।
MeToo कैंपेन को बीजेपी सांसद उदित राज ने इसे एक ‘गलत प्रथा’ की शुरुआत करार दिया। मंगलवार को उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि महिलाएं कथित घटना के 10 साल बाद अपनी कहानियों के साथ क्यों आ रही हैं?
उत्तर पश्चिम दिल्ली से सांसद उदित राज ने ट्वीट किया, MeToo कैंपेन जरूरी है, लेकिन 10 साल बाद किसी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने का क्या मतलब है? इतने साल बाद घटना के तथ्यों की जांच करना कैसे संभव हो सकता है?”
#MeToकैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है ? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जाँच कैसे हो सकेगा?जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकशान होगा ये सोचने वाली बात है।गलत प्रथा की शुरुआत है।#MeToo
— Dr. Udit Raj, MP (@Dr_Uditraj) October 9, 2018
महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भी #MeeToo अभियान को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस अभियान पर खुशी जताते हुए कहा कि इससे भारत में महिलाओं को सामने आकर शिकायत करने का हौसला मिला है। मेनका गांधी ने कानून मंत्रालय से कहा है कि बाल यौन उत्पीड़न के लिए तय आयुसीमा हटाई जाए ताकि 10-15 साल बाद भी लोग ऐसे मामलों की शिकायत कर सकें।