इजरायल और फिलिस्तीन के बीच विवाद (Israel-Palestine Conflict) बढ़ता ही जा रहा है । सात साल बाद एक बार फिर इजरायल और फिलिस्तीन एक दूसरे के आमने सामने आ गए है । लगातार हो रहे हवाई हमलों और गोलाबारी के बीच एक बार फिर दोनों के बीच युद्द जैसे हालात बन गए हैं। इससे पहले साल 2014 में दोनों के बीच युद्ध हुआ था जो कि 50 दिन तक चला था।
हिंसक हमलों में मारे जा रहे बेगुनाह लोगों की संख्या काफी ज्यादा है ऐसे में जो तस्वीर निकल कर आ रही है वो भयावह है । ऐसे में हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिरकार इजरायल और फिलिस्तीन के बीच के विवाद की जड़ क्या है? ऐसा क्या है जिसके कारण दोनों के बीच के संबंध सामान्य नहीं हो पा रहे हैं और दोनों एक दूसरे के खिलाफ युद्ध के मैदान में उतर आते है। आइये जानते है क्या है इजरायल और फिलिस्तीन का 120 साल पुराना विवाद ….
120 साल पुरानी हैं इजराइल-फलस्तीन विवाद की जड़ें, ईसा मसीह के जन्म से भी पुराना है विवाद
( History of Israel-Palestine Conflict)
इतिहास पर नजर डाला जाए तो इजरायल और फिलिस्तीन के बीच का विवाद ईसा मसीह के जन्म से भी पुराना है। बाइबल में प्रभु ने इजरायल के इलाके का चुनाव यहूदियों के लिए किया था। इसलिए पूरी दुनिया के यहूदी इसे अपना घर मानते हैं। हालांकि यहूदियों को कई बार इसी जगह अत्याचारों का सामना करना पड़ा है और यहां से बेदखल भी होना पड़ा है।वहीं फिलिस्तीनि में रहने वाले लोगों का मानना है कि लोग हमेशा से यहां के मूल निवासी रहे हैं इसलिए इस जगह पर उनका अधिकार है और वो किसी भी स्थिति में उसे नहीं खोना चाहते हैं।
यहूदियों को लेकर पूरी दुनिया में फैला था एक वहम
इसी दौरान एक और शब्द एंटी सेमिटिज्म प्रचलन में आया। इस शब्द का मतलब था हिब्रू भाषा बोलने वाले लोग यानी यहूदियों के प्रति दुर्भावना। पूरी दुनिया में दुनिया में यहूदियों को लेकर एक वहम फैला कि ये दुनिया की सबसे चालाक कौम है। ये किसी को भी धोखा दे सकते हैं।
UN के द्वारा किये गए बंटवारे के बाद अस्तित्व में आया इजराइल
दूसरे विश्व युद्ध के बाद फिलिस्तीन पर शासन कर रहे ब्रिटन के लिए दोनों गुटों के बीच संघर्ष को संभाल पाना मुश्किल हो गया। ऐसे में वो इस मामले को नवगठित संयुक्त राष्ट्र में ले गया। संयुक्त राष्ट्र ने 29 नवंबर, 1947 को द्विराष्ट्र सिद्धांत के तहत अपना फैसला सुनाया और इस इलाके को यहूदी और अरब देशों में बांट दिया। यरुशलम को अंतरराष्ट्रीय शहर घोषित किया गया। यहूदियों ने इस फैसले को तुरंत मान्यता दे दी और अरब देशों ने इसे स्वीकार नहीं किया। इसके बाद 1948 में अंग्रेज इस इलाके को छोड़कर चले गए और 14 मई, 1948 को यहूदियों का देश इजरायल वजूद में आया।
हालांकि पड़ोसी अरब देशों को यह नागवार गुजरा और मिस्त्र, सीरिया और जॉर्डन ने मिलकर इजरायल पर हमला कर दिया। इस युद्ध में इजरायल की जीत हुई।1967 में एक बार फिर इन देशों ने इजरायल पर हमला किया। लेकिन इजरायल ने छह दिन में ही उन्हें हरा दिया और वेस्ट बैंक, गाजा और पूर्वी जेरूसलम पर कब्जा कर लिया।
अभी किन इलाकों पर इजरायल का कब्जा?
इस युद्ध के बाद से ही वेस्ट बैंक और पूर्वी जेरूसलम पर इजरायल का कब्जा है, जबकि गाजा के कुछ हिस्से को उसने लौटा दिया है।ज्यादातर फिलिस्तीनी गाजा और वेस्ट बैंक में रहते हैं और उन्हें अक्सर इजरायल की ज्यादतियों का सामना करना पड़ता है।1993 में हुए ओस्लो सहमति के तहत इन दोनों इलाकों में फिलिस्तीनी खुद की सरकार चुन सकते हैं। 2014 से यहां हमास की सरकार है जिसे एक कट्टर संगठन माना जाता है।
मौजूदा संघर्ष की क्या वजह?
पिछले कुछ समय से फिलिस्तीनियों में पूर्वी जेरूसलम से कुछ फिलिस्तीनी परिवारों को बेदखल किए जाने को लेकर रोष पनप रहा था। शुक्रवार को अल-अक्सा मस्जिद पर उनका इजरायली सुरक्षा बलों के साथ टकराव हो गया जिसमें 300 से अधिक फिलिस्तीनी घायल हुए।इसके बाद से ही हमास गाजा पट्टी से और इजरायल अपनी तरफ से एक-दूसरे पर रॉकेट दाग रहे हैं। दोनों पक्ष 1,000 से अधिक रॉकेट दाग चुके हैं और इसके युद्ध में तब्दील होने का खतरा है।