काले धन का यार : हवाला कारोबार

Sidharth Gautam
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 काला धन कई तरीकों से जुटाया जाता है। हवाला के जरिये भ्रष्टाचारी गैरकानूनी रूप से पैसे का एक से दूसरी जगह स्थान्तरण करते हैं। हवाला के माध्यम से काला धन सभी तरह के फाइनेंसियल संस्थाओं और सरकार के नज़रों से बचाकर इधर-उधर किया जाता है।

आज हवाला आंतकी संगठनों तक पैसा पहुंचाने का सबसे सरल माध्यम है। इसके जरिये अवैध तरीकों से धन आंतकी संगठन तक पहुंचाया जाता है।

असल में हवाला कारोबार है क्या?

हवाला कारोबार में दलालों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क होता है। जिसके जरिये एक से दूसरी जगह पैसे को भेजा जाता है। यह वित्तीय संस्थाओं और सरकार के समान्तर चोरी-छिपे ढंग से काम करता है। इस कारोबार में दलालों को एजेंट कहकर संबोधित किया जाता है और एजेंटों के ही हवाले से यह कारोबार संचालित होता है इसीलिए इसका नाम हवाला पड़ा।

हवाला के जरिये लेन-देन में अनाधिकृत रूप से एक देश से दूसरे देश में विदेशी विनिमय किया जाता है मतलब हवाला विदेशी मुद्रा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर गैर कानूनी रूप से भेजा जाता है।

अक्सर तस्करी और बड़े पैमाने पर गैरकानूनी ढंग से कमाए गये पैसे को एक से दूसरी जगह भेजने के लिए इसका इस्तेमाल होता है क्योंकि बैंक आदि के जरिये कोई भी लेन-देन करने पर उसकी सूचना सरकार को रहती है। इसलिए हवाला बिज़नस का इस्तेमाल करके, सरकार को सूचित किये बिना गैरकानूनी ढंग से पैसे का लेन-देन किया जाता रहा है।

हवाला के काम करने का तरीका

हवाला के जरिये पैसे लेन-देन करने की प्रक्रिया में सबसे खास बात यह होती है कि यह पूरी तरह विश्वाश पर निर्भर करता है। जिसमे पैसे भेजने वाला व्यक्ति हवाला नेटवर्क से जुड़े किसी दलाल को पैसे देता है और पैसे भेजने वाला व्यक्ति पैसे प्राप्त करने वाले को एक पासवर्ड की तरह या कुछ भी उस से जुडी डिटेल्स देता है। ऐसे में वह दलाल एक दूसरे दलाल को पैसे का ट्रान्सफर कर देता है और उस दूसरे दलाल से पैसे प्राप्त करने वाला व्यक्ति, पैसे भेजने वाले व्यक्ति के बताये गये पासवर्ड को बताकर पैसे प्राप्त कर लेता है।
ट्रान्सफर में कमीशन के तौर पर दोनों तरफ के एजेंट कुछ राशी लेते है। हवाला के माध्यम से भेजे गए पैसे का इस्तेमाल कहाँ हो रहा है इस बारे में सरकार को कोई जानकारी नहीं होती है, इसलिए यह भी डर होता है कि उन पैसो का किसी देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल नहीं हो। दुनिया भर के आतंकवादी संगठन को होने वाली फंडिंग इसी तरह से होती है।

हवाला व्यापार के तीन ऑपरेटर

हवाला व्यापार में तीन पक्ष होते हैं , और इससे तीनों पक्ष लाभान्वित होते हैं। पहला पक्ष वह है जो हवाला लेन -देन चाहता है। दूसरा पक्ष हवाला एजेंट होता है ,जो मुद्रा का प्रबंधन करता है और तीसरा पक्ष वह है जिसे मुद्रा में भुगतान प्राप्त करना है।

गौरतलब है कि भारतीय अर्थ व्यवस्था की तरक्की में काला धन एक बड़ा अभिशाप है। हवाला के जरिए फर्जी बिल और दूसरे फर्जी कागजात के सहारे काले धन को सफेद करने के कारोबार पांव पसारे हुए हैं। सरकार के करेंसी  Demonetisation के फैसले के बाद हवाला कारोबारियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।

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