महाराष्ट्र के जलगांव में बुधवार शाम हुए एक भयानक ट्रेन हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हुए। यह घटना लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस और दूसरी ओर से आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस के बीच हुई। हादसे की वजह एक अफवाह बताई जा रही है, जिसने यात्रियों में अफरातफरी मचा दी।
जानिए कैसे हुआ हादसा?
पुष्पक एक्सप्रेस (Pushpak Express) जब जलगांव के पास परांडे स्टेशन पर पहुंची, तब ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैल गई। घबराए यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोक दिया।
इस अफवाह के कारण कई यात्री अपनी जान बचाने के लिए ट्रेन से कूद गए।
दुर्भाग्यवश, कुछ यात्री दूसरी ओर की पटरी पर कूद गए, जहां कर्नाटक एक्सप्रेस गुजर रही थी। ट्रेन की चपेट में आकर 18 यात्रियों की जान चली गई, जबकि कई लोग घायल हो गए।
थर्ड एसी बोगी में अफवाह का केंद्र
घटना के दौरान जो वीडियो और तस्वीरें सामने आईं, उनमें देखा गया कि मृतकों के शव थर्ड एसी कोच के पास मिले। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि आग लगने की अफवाह थर्ड एसी से शुरू हुई थी।
घटना स्थल का विवरण:
जहां यह हादसा हुआ, वहां एक छोटा पुल भी है। पुल से कूदने वाले कुछ लोग नदी में गिरकर मारे गए। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि कुल 50 से ज्यादा लोग ट्रेन से कूदे थे।
रेलवे की प्रतिक्रिया और ट्रेन की रवानगी
घटना के तुरंत बाद रेलवे अधिकारियों और डीआरएम भुजवल की टीम मौके पर पहुंची। यात्रियों को संभालने और शवों को हटाने के बाद ट्रेन को 20 मिनट की देरी से मुंबई के लिए रवाना किया गया। पुष्पक एक्सप्रेस लखनऊ से मुंबई तक का सफर तय करती है और कई महत्वपूर्ण स्टेशनों से होकर गुजरती है।
साजिश का शक?
रेलवे ने इस पूरे हादसे को साजिश के एंगल से जांचने की बात कही है। जलगांव में कुछ दिन पहले महाकुंभ यात्रियों पर पत्थरबाजी की घटना हुई थी, जिसे देखते हुए रेलवे ने इस हादसे को भी गंभीरता से लेने का फैसला किया है। डीआरएम भुजवल अब हर एंगल से मामले की जांच करेंगे।
रेलवे की सुरक्षा और जागरूकता पर सवाल
इस घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और यात्रियों में जागरूकता की कमी को उजागर किया है। अफवाहों पर बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया देना कितना खतरनाक हो सकता है, यह हादसा इसका उदाहरण है।
रेलवे अब अफवाहों से बचने और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए नई योजनाओं पर विचार कर रहा है।
रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि इस तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और ट्रेन में मौजूद कर्मचारियों के निर्देशों का पालन करें।यह घटना एक बड़ी सीख है कि अफवाहें कैसे विनाशकारी हो सकती हैं। सुरक्षा और जागरूकता ही ऐसे हादसों को रोकने का एकमात्र उपाय है।