वियना संधि (Vienna Convention) : वियना संधि एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसे स्वतंत्र और संप्रभु देशों के बीच राजनयिक संबंधों को सुव्यवस्थित करने के लिए बनाया गया। यह संधि राजनयिकों को विशेष अधिकार प्रदान करती है और उनके संरक्षण की गारंटी देती है।
वियना संधि का प्रारंभ और उद्देश्य
- 1961 में वियना कन्वेंशन के तहत पहली बार इस संधि का प्रारूप तैयार किया गया।
- इसके दो वर्ष बाद, 1963 में, संयुक्त राष्ट्र ने इसी के समान एक और संधि को लागू किया जिसे “वियना कन्वेंशन ऑन कांसुलर रिलेशंस” के नाम से जाना जाता है।
- यह संधि अंतरराष्ट्रीय कानून आयोग द्वारा तैयार की गई और 1964 में लागू हुई।
वियना संधि की प्रमुख प्रावधान
- राजनयिकों का संरक्षण:
- किसी भी देश में कार्यरत राजनयिकों को गिरफ्तार या हिरासत में नहीं लिया जा सकता।
- अनुच्छेद 36:
- यदि कोई देश किसी विदेशी नागरिक को गिरफ्तार करता है, तो उसे तुरंत संबंधित देश के दूतावास को सूचित करना होगा।
- गिरफ्तार व्यक्ति के अनुरोध पर पुलिस को दूतावास को लिखित सूचना (फैक्स) भेजनी होगी, जिसमें गिरफ्तारी का स्थान, कारण, और गिरफ्तार व्यक्ति का नाम शामिल होगा।
- इस प्रावधान के तहत, विदेशी नागरिक को “राजनयिक पहुंच” का अधिकार दिया जाता है।
अन्य महत्वपूर्ण अनुच्छेद
- अनुच्छेद 5 (Article 5):
- मेजबान देश में अपने नागरिकों और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना।
- दो देशों के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक, और वैज्ञानिक संबंधों को बढ़ावा देना।
- अनुच्छेद 23 (Article 23):
- मेजबान देश को अधिकार है कि वह किसी भी समय किसी कांसुलर अधिकारी को देश से बाहर निकाल सकता है।
- संबंधित देश को तय समय सीमा में उस अधिकारी को वापस बुलाना होगा।
- अनुच्छेद 31 (Article 31):
- मेजबान देश अपनी सीमा में किसी भी कांसुलर अधिकारी को दूतावास में प्रवेश से रोक सकता है।
- यह कदम सुरक्षा और संप्रभुता के आधार पर उठाया जा सकता है।
- अनुच्छेद 35 (Article 35) :
- कांसुलर और उसके देश के बीच संचार स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाती है।
- कांसुलर का बैग खोला नहीं जा सकता और उसके कुरियर को हिरासत में नहीं लिया जा सकता।
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वियना संधि से जुड़े चर्चित मामले
विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान का मामला
- पृष्ठभूमि: 27 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तानी नियंत्रण वाले क्षेत्र में मिग-21 के क्रैश होने के बाद गिर गए।
- पाकिस्तान का रुख: अभिनंदन को हिरासत में लेने के बाद पाकिस्तानी सेना ने दो वीडियो जारी किए—पहले में भीड़ उनसे मारपीट कर रही थी और दूसरे में उनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी।
- भारत का दावा: वियना संधि के तहत राजनयिक अधिकारों की मांग करते हुए, अभिनंदन को शीघ्र रिहा कराया गया।
कुलभूषण जाधव का मामला
- पृष्ठभूमि: पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव पर जासूसी का आरोप लगाते हुए फांसी की सजा सुनाई।
- भारत का पक्ष: भारत ने दावा किया कि जाधव का अपहरण ईरान से किया गया और पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन करते हुए राजनयिक पहुंच से इनकार किया।
- कार्यवाही: भारत ने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में उठाया, जहां सुनवाई अभी भी जारी है।
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वियना संधि की मुख्य बातें
- अंतरराष्ट्रीय मान्यता: वियना संधि पर अब तक लगभग 191 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं।
- कुल अनुच्छेद:
- 1961 की वियना कन्वेंशन में 54 अनुच्छेद हैं।
- 1963 की “वियना कन्वेंशन ऑन कांसुलर रिलेशंस” में 79 अनुच्छेद हैं।
- विशेषाधिकार: दूसरे देशों में कार्यरत राजनयिकों को विशेषाधिकार और संरक्षण प्रदान करना।
- भारत का उपयोग: भारत ने कुलभूषण जाधव मामले में वियना संधि के अनुच्छेदों का हवाला देकर ICJ में पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की।
वियना संधि देशों के बीच राजनयिक संबंधों को सुरक्षित और संरक्षित करने का एक प्रभावी माध्यम है। यह संधि वैश्विक कूटनीति और कानून व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।